विश्व नंबर छह भारत और नंबर पांच जर्मनी के बीच मुकाबला आसान नहीं होगा। 2006 के बाद से दोनों टीमें आपस में सात बार खेली हैं, जिसमें पांच में जर्मनी को जीत मिली है और दो में भारत जीता।
गोलकीपर सविता पूनिया की अगुवाई में महिला हॉकी टीम बृहस्पतिवार को एफआईएच ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में जर्मनी से भिड़ेगी। पूल ए में शीर्ष पर रहने वाली जर्मनी पर जीत भारतीय टीम को पेरिस ओलंपिक का टिकट दिला देगी। टूर्नामेंट में शीर्ष तीन पर रहने वाली टीमों को ओलंपिक में खेलने का मौका मिलेगा।
बीते 18 वर्षों में जर्मनी का रहा है पलड़ा भारी
विश्व नंबर छह भारत और नंबर पांच जर्मनी के बीच मुकाबला आसान नहीं होगा। 2006 के बाद से दोनों टीमें आपस में सात बार खेली हैं, जिसमें पांच में जर्मनी को जीत मिली है और दो में भारत जीता। जर्मनी और जापान के पूल ए में सात अंक रहे, लेकिन बेहतर गोल औसत के आधार पर यह टीम शीर्ष पर रही। वहीं भारत को पहले मैच में अमेरिका के हाथों 0-1 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अगलेे दो मैचों में उसने न्यूजीलैंड पर 3-1 और इटली पर 5-1 से प्रभावशाली जीत दर्ज की।
पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना होगा
सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को ओलंपिक टिकट हासिल करने का एक और मौका मिलेगा। तीसरे और चौथे स्थान के लिए होने वाले मुुकाबले में जीतने वाली टीम भी ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करेगी। भारत की सबसे बड़ी कमजोरी पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की रही है। उदिता ने इटली के खिलाफ पेनाल्टी कॉर्नर पर जरूर गोल किए, लेकिन दीपिका ड्रैग फ्लिक में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी हैं। भारत के लिए सकारात्मक पक्ष उदिता, निक्की प्रधान, मोनिका का रक्षण है। वहीं मध्य पंक्ति में सलीमा टेटे की तेजी ने सभी को प्रभावित किया है। टीम की कोच यानिके शापमेन का कहना है कि हम जर्मनी का खेल जानते हैं। हम उनसे गर्मियों में भी खेले थे और हाल ही में स्पेन में खेलकर आए हैं।