अयोध्या हवाई अड्डे का नाम वाल्मिकी के नाम पर क्यों रखा गया है?
बीते शुक्रवार, 5 जनवरी 2024 को भारत सरकार की मंत्रिमंडल ने अयोध्या हवाई अड्डे का नाम बदलने का फैसला किया है. अब इसे “महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम” कहा जाएगा.
बीते शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने की थी, अयोध्या हवाई अड्डे के बारे में दो बड़े फैसले लिए गए:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर, 2023 को अयोध्या हवाई अड्डे का उद्घाटन किया था. अब इस हवाई अड्डे का नाम बदलकर “महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम” रखा गया है.
ये नाम रामायण के महान लेखक महर्षि वाल्मीकि को सम्मान देने के लिए चुना गया है. ये फैसला अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व को दर्शाता है. सरकार का मानना है कि इससे हवाई अड्डे की पहचान को एक खास सांस्कृतिक छाप मिलेगी.

सरकार ने अयोध्या हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने का फैसला लिया है, जो अयोध्या के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. सरकारी बयान में कहा गया है कि ये फैसला अयोध्या की आर्थिक क्षमता को उजागर करने और वैश्विक तीर्थस्थल के रूप में इसके महत्व को बढ़ाने के लिए जरूरी था.
सरकारी बयान में कहा गया है कि “अयोध्या अपनी गहरी सांस्कृतिक जड़ों के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र और तीर्थस्थल बनने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार है.”