Maldives: मालदीव सरकार ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया। ‘पीएसएम न्यूज’ ने राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से बताया कि भारत के पड़ोसी देश के सरकारी अधिकारियों को भी अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने के लिए निलंबित किया गया है। युवा मंत्रालय के तीन उप मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना, और अब्दुल्ला महजूम को भी निलंबित किया गया है।
भारत-मालदीव विवाद: राजनीतिक घमासान और बायकॉट का सिलसिला
हसन जिहान ने एक फर्जी खबर का खुलासा किया है, जिसमें उन्हें निलंबित करने की अफवाह फैलाई गई थी। इसके परंतु, इसे खंडन करते हुए उन्होंने स्थानीय मीडिया के माध्यम से यह बताया कि उसको निलंबित करने की रिपोर्ट गलत है।
मामले का आरंभ:
जनवरी के चार तारीख से इस मामले की शुरुआत हुई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप दौरे पर थे। उनकी सोशल मीडिया पोस्टों ने एक विवाद को उत्पन्न किया, जिसमें भारत और मालदीव के बीच नाराजगी बढ़ी। इसके परिणामस्वरूप, बड़ी से बड़ी सेलिब्रिटी से लेकर आम आदमी तक लक्षद्वीप के समर्थन में उतरे।
विवाद का उग्र होना:
मालदीव के सोशल मीडिया हैंडल्स ने भारत को निशाना बनाया और प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। इसके बाद, भारत ने नाराजगी जताई और माले में भारतीय उच्चायुक्त ने टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। मालदीव सरकार ने बाद में सफाई दी, कहते हुए कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है और उनके मंत्री की टिप्पणी का सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती।
राजनीतिक संबंधों में खटास:
नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद, भारत और मालदीव के बीच संबंधों में कटौती आई है। उन्हें चीन के करीबी माना जाता है और उन्होंने भारतीय सेना को मालदीव से हटाने की बात की है। इसके परंतु, पूर्व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने इस तरह के बयानों की आलोचना की।