सुप्रीम कोर्ट ने PATANJALI आयुर्वेद और योग गुरु बाबा रामदेव को उनके उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के लिए फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि पतंजलि ने बार-बार अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया है और झूठे दावे किए हैं।

अदालत ने पतंजलि और रामदेव को निम्नलिखित निर्देश दिए:
एक हफ्ते के अंदर नया हलफनामा दायर करें।
10 अप्रैल को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हों।
भविष्य में भ्रामक विज्ञापन न दें।
PATANJALI पर आरोप:
पतंजलि ने दावा किया था कि योग अस्थमा और मधुमेह को पूरी तरह से ठीक कर सकता है।
पतंजलि ने एलोपैथिक दवाओं को बदनाम करने का अभियान चलाया था।
पतंजलि ने कोविड-19 वैक्सीन के खिलाफ भ्रामक जानकारी फैलाई थी।
अदालत की टिप्पणी:
“आपने हर सीमा लांघकर रख दी।”
“यह पूर्ण अवज्ञा है।”
“आपको अदालत में दिए गए आश्वासनों का पालन करना होगा।”
पतंजलि ने मांगी माफी:
पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए बिना शर्त माफी मांगी है।
कंपनी ने कहा कि वह भविष्य में भ्रामक विज्ञापन नहीं देगी।
अगली सुनवाई:
इस मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी
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