Adani-Hindenberg : सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों पर सेबी की जांच में शामिल होने से इनकार किया है। साथ ही, उन्होंने सेबी को तीन महीने के अंदर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। इस सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अरबपति गौतम अदाणी ने कहा कि यह आखिरकार सच्चाई की जीत है। उन्होंने और से यह भी कहा कि उनका समूह भारत के विकास में योगदान करता रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अदाणी ने दी प्रतिक्रिया
अदाणी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। उनके अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सच्चाई की जीत को प्रमाणित करता है और उन्होंने सत्यमेव जयते कहा। उन्होंने आभास को साझा करने वालों का आभार व्यक्त किया और देश के विकास के लिए काम करने का संकल्प जताया।
भारतीय मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने विशेषज्ञता के सलाहकार के संरक्षण के साथ सेबी को दो अन्य मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया।
विपक्ष ने साधा “सेबी” पर निशाना:

Gautam Adani, Congress MP Manish Tewari – फोटो : Social Media
विपक्ष ने सेबी पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट एक साल पहले हो चुकी है और सेबी इस मामले की जांच में देर क्यों कर रही है। उनके अनुसार, इसका संवेदनशील मामला होने के बावजूद, जांच को पूरा करने में एक साल लग रहा है।
तिवारी ने सेबी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह दिखाता है कि सेबी का रवैया कितना लचर है। यदि सेबी चाहती, तो यह मामला पहले ही समाप्त हो जाता। हमने इस मामले को वित्त स्थायी समिति के सामने भी उठाया था।’
हिडेनबर्ग ने लगाए थे धोखाधड़ी का आरोप:
हिंडनबर्ग ने धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, और उनकी रिपोर्ट में अरबपति गौतम अदाणी को ‘कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ का आरोप किया गया था। शीर्ष अदालत ने पिछले महीने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता।