Uttarakhand:उत्तराखंड की परंपरा, संस्कृति, और ऐतिहासिक जानकारी की रक्षा करने वाले डीएसबी परिसर में स्थित हिमालय संग्रहालय को पर्यटन विभाग ने अपने मानचित्र में शामिल किया है। इससे नैनीताल आने वाले पर्यटक देवभूमि की संस्कृति से रूबरू होंगे और साथ ही नगर में नया पर्यटक स्थल भी विकसित हो सकेगा। 987 में डीएसबी परिसर के इतिहास विभाग ने हिमालय संग्रहालय की नींव रखी थी, जिसे वर्ष 2004 में एएन सिंह हॉल के पास विशाल भवन में स्थापित किया गया। इस संग्रहालय में उत्तराखंड के लोक वाद्य, परंपरा, लोक संस्कृति, और इतिहास से जुड़ी कई वस्तुएं संरक्षित की गई हैं।
2011 में, इस संग्रहालय को राज्य के पर्यटन स्थलों के नक्शे में शामिल करवाने की प्रयास कवायद की गई थी, जिसमें केएमवीएन का सहयोग था, और इसे सांस्कृतिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का उद्दीपन था। बाद में, डॉ. भुवन चंद्र शर्मा ने बताया कि अब पर्यटन विभाग ने इसे अपने मानचित्र में शामिल कर लिया है।
•संग्रह में दो हजार साल पुराने सिक्के, लोक वाद्य यंत्र, और उत्तराखंड के इतिहास से जुड़े कई महत्वपूर्ण आइटम्स हैं। डॉ. भुवन चंद्र शर्मा ने इसमें विभिन्न सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दस्तावेजों की महत्वपूर्णता को बताते हुए स्पष्ट किया है।
•इस संग्रहालय में संग्रहित वस्तुओं में महात्मा गांधी के हस्ताक्षरों के साथ उनकी एक तस्वीर भी है, जो वर्ष 1929 में नैनीताल में डांडी यात्रा के दौरान ली गई थी।
•संग्रहालय के क्यूरेटर, डॉ. हीरा भाकुनी, ने बताया कि यह संग्रहालय शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है और विदेशों से आ रहे पर्यटकों के लिए एक रुचिकर स्थल है, जो यहां अपने परिवार के ऐतिहासिक घटनाओं को जानने के लिए आते हैं।