Fraud : उत्तर कोरियाई हैकर्स लिंक्डइन पर फर्जी रिक्रूटर बना कर रहे हैं धोखाधड़ी, एआई का कर रहे हैं इस्तेमाल
- वैश्विक रक्षा, साइबर सुरक्षा और क्रिप्टो कंपनियों के कर्मचारियों को बना रहे हैं निशाना
- लिंक्डइन बना पसंदीदा ठिकाना, नकली प्रोफाइल बनाकर जीत रहे हैं विश्वास
- संयुक्त राष्ट्र पैनल का दावा: धोखाधड़ी से जुटाया पैसा परमाणु कार्यक्रमों में हो रहा है इस्तेमाल
क्या है पूरा मामला?
- उत्तर कोरियाई हैकर्स अब लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म पर फर्जी रिक्रूटर्स बनकर लोगों को ठग रहे हैं।
- वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे चैटिंग, मैसेज भेजना, फोटो बनाना और नई पहचान बनाना आसान हो गया है।
- इनका मकसद कंपनियों के गोपनीय जानकारियां हासिल करना या फिर उनके कंप्यूटर नेटवर्क या क्रिप्टो वॉलेट तक पहुंच बनाना है।
- हैकर्स द्वारा जुटाया गया पैसा उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों को फंड देने में इस्तेमाल हो रहा है।
कैसे करते हैं शिकार?
- ये हैकर्स लिंक्डइन पर असली रिक्रूटर्स की तरह प्रोफाइल बनाते हैं और लोगों से विश्वास जीतने के लिए बातचीत करते हैं।
- ये हफ्तों या महीनों तक रिश्ता बनाकर शिकार को अपने जाल में फंसाते हैं।
- दक्षिण कोरिया का कहना है कि उसने पहले भी उत्तर कोरियाई हैकर्स को एआई का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा था।
कितना गंभीर है मामला?
- विशेषज्ञों का कहना है कि ये हमले पहले से कहीं ज्यादा जटिल हो गए हैं।
- लक्षित ईमेल के जरिए धोखाधड़ी करने का जमाना गुजर चुका है, अब सोशल मीडिया पर रिश्ते बनाकर ठगी की जा रही है।
- उत्तर कोरिया 1980 और 1990 के दशक से ही साइबर हमलों में लिप्त है और अब वो एआई जैसे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है।