Hafiz Saeed: 26/11 हमले के जिम्मेदार और लश्कर चीफ हाफिज सईद से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. पाकिस्तान मीडिया ने दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान से हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है.
भारत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है. पाकिस्तानी मीडिया ने यह दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से आतंकी हाफिज सईद को भारत के हवाले करने की मांग की है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आतंकी हाफिज सईद का परिवार भारत में कहां रहता था और कब पाकिस्तान गया.
कहां रहता था हाफिज सय्यद भारत में :-
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सदस्यों में से एक आतंकवादी हाफिज सईद का जन्म 5 जून, 1950 को हुआ था. 1947 के विभाजन के कुछ साल बाद हाफिज का परिवार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा शहर में जाकर बस गया था . उनका परिवार भारत में शिमला छोड़कर पाकिस्तान गया था. हाफिज सईद भारत में हुए 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है. मुंबई में हुए इस हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. ‘
क्या चुनाव में भी हिस्सा लेगा आतंकी संगठन:-
उधर, हाफिज सईद की पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) ने जानकारी दी है कि अगले साल फरवरी में होने वाले चुनावों में वह हिस्सा लेगी. हाफिज सईद इस वक्त कथित तौर पर जेल में है. हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स और यहां तक कि पाकिस्तानी जर्नलिस्ट्स भी खुलासा कर चुके हैं कि सईद जेल में नहीं है. सईद को करीब चार साल से किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर नहीं देखा गया है.
बता दें कि पाकिस्तान में अगले साल 8 फरवरी को आम चुनाव होने जा रहे हैं. इस चुनाव में हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद भी चुनावी किस्मत आजमाने को उतरा है. उसको लाहौर की एनए-127 सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.

Complete list of World Chess Champions from 1886 to 2024(शतरंज चैंपियन)
जल्द ही भारत में बनेंगे ‘MAGIC HIGHWAY’ ! खुद-ब-खुद ठीक होंगे सड़क के गड्ढे
Disease X: COVID – 19 से भी खतरनाक हो सकती है ये बीमारी, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
election- क्या तापमान 46 डिग्री तक पहुंच सकता है? चुनाव परिणामों पर क्या असर पड़ेगा?
“RBI ने लगाया 2 रुपये जुर्माना : करोड़ों के कारोबार पर क्यों हुई कार्रवाई?”
Pakistan Twitter ban : हाई कोर्ट ने सरकार को 1 हफ्ते में फैसला वापस लेने का आदेश दिया