Menu
atozseotoolz thumb airpollfertility

Winter Pollution:फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए 5 युक्तियाँ

सर्दियों में हवा खराब हो जाती है, यह तो हम सभी जानते हैं। ठंडी हवा ज्यादा घनी होती है और गरम हवा से धीमी चलती है।

Aarti Sharma 8 months ago 0 8

खराब वायु गुणवत्ता और अत्यधिक ठंडा मौसम श्वसन स्वास्थ्य के लिए कई तरह की चुनौतियाँ पैदा कर सकता है।

उत्तर भारत के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दिल्ली में शीतलहर के साथ-साथ प्रदूषण का भी उच्च स्तर दर्ज किया गया है. बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कैप्शन में कई प्रतिबंध लगाए हैं।

सर्दियों में हवा खराब हो जाती है, यह तो हम सभी जानते हैं। ठंडी हवा ज्यादा घनी होती है और गरम हवा से धीमी चलती है। नतीजन, हवा में मौजूद प्रदूषक आसमान में लटके रहते हैं। और बुरी बात यह है कि प्रदूषण के साथ-साथ ठंड का मौसम भी हमारे फेफड़ों को परेशान करता है। खराब हवा और कड़ाके की ठंड सांस संबंधी कई परेशानियां खड़ी कर सकते हैं।

dreamstime s 92957954

इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप सर्दियों में अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं:

फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कई आसान उपाय हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं:

1. फेफड़ों के लिए खाएं:

कुछ खास पोषक तत्व और खाद्य पदार्थ आपके फेफड़ों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। अपने आहार में सूजन-रोधी और खट्टे खाद्य पदार्थ शामिल करें।

  • चुकंदर: इसमें नाइट्रेट्स होते हैं, जो फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

सेब: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, फेफड़ों को स्वस्थ रखता है।

हल्दी: सूजन कम करती है और फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाती है।

टमाटर: लाइकोपीन से भरपूर, फेफड़ों को नुकसान से बचाता है।

हरी चाय: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, फेफड़ों की कोशिकाओं को स्वस्थ रखती है।

जैतून का तेल: सूजन कम करता है और फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाता है।

दही: प्रोबायोटिक्स से भरपूर, फेफड़ों के संक्रमण से बचाता है।

मसूर: फाइबर से भरपूर, फेफड़ों को साफ रखने में मदद करता है।

एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें:

एयर प्यूरीफायर घर के अंदर की हवा को साफ रखने में मदद करते हैं, खासकर प्रदूषण वाले इलाकों में। यह फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

एयर प्यूरीफायर पौधे लगाना भी घर के अंदर की हवा को साफ रखने का एक प्राकृतिक तरीका है। यहाँ कुछ बेहतरीन विकल्प हैं:

emphysema and air pollution

3. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं:

हमारी शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को मजबूत बनाकर हम फेफड़ों को संक्रमणों से बचा सकते हैं। इसे करने के लिए:

  • विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं: संतरा, नींबू, अमरूद, कीवी और ब्रोकली।

4. हवा की रूखापन से बचें:

  • नियमित व्यायाम करें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम करें।
  • पर्याप्त पानी पिएं: फेफड़ों को ठीक से काम करने और हवा में मौजूद प्रदूषकों को बाहर निकालने के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
  • पर्याप्त नींद लें: रात में 7-8 घंटे की नींद फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाती है।
  • तनाव पर नियंत्रण रखें: योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान फेफड़ों की सबसे बड़ी दुश्मन है। इसे जल्द से जल्द छोड़ने की कोशिश करें।

सर्दियों में ठंडी हवा अंदर और बाहर दोनों जगह सूखी हो सकती है। सर्दियों के दौरान हवा की नमी का स्तर भी काफी कम हो जाता है। हवा की रूखापन लंबे समय तक झेलने से सांस संबंधी परेशानियां, साइनस, त्वचा से जुड़ी समस्याएं, गले में खराश आदि कई परेशानियां हो सकती हैं।

इससे बचने के लिए आप ये उपाय कर सकते हैं:

  • ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें: यह घर के अंदर हवा को नम बनाए रखने में मदद करेगा।

5. भाप लें:

भाप लेने से सांस लेने में आसानी होती है। यह छाती की जकड़न और गले की खराश को दूर करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, यह बलगम को पतला करता है और बाहर निकालने में आसान बनाता है।

  • शॉवर चालू करें और बाथरूम का दरवाजा बंद कर दें। थोड़ी देर तक गर्म पानी से नहाएं या बैठ जाएं। इससे बाथरूम में भाप जमा हो जाएगी।
  • नमक या एसेंशियल ऑयल के साथ गर्म पानी का एक बर्तन लें। एक तौलिया लेकर अपने सिर को बर्तन के ऊपर ढकें और भाप को अपने चेहरे और नाक पर कुछ मिनट तक लें।
  • स्टीम इनहेलर इस्तेमाल करें।

भाप लेने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करें:

gnkaqo0g air pollution 625x300 07 November 23

जब प्रदूषण का स्तर अधिक हो तो घर के अंदर रहना ही बुद्धिमानी है। साथ ही बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर पहनें।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।



Join AajOrKal’s WhatsApp Group or Google News for Latest Updates on News, Entertainment and MUCH MORE!”

Leave a Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *