कभी सोचा है, 5000 साल पहले लोग क्या खाते थे? हाल ही में जर्मनी के कील यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी खोज की है, जिससे हमें इस सवाल का जवाब मिल सकता है। उन्होंने पूर्वी होल्स्टीन (अब जर्मनी का हिस्सा) में खुदाई की, जो कि नवपाषाण काल का एक स्थल है। इस खुदाई में मिले अवशेषों से पता चला है कि उस समय के लोग मुख्य रूप से जंगली पौधों और अनाज पर निर्भर थे। यह खोज इतिहास के उस अनदेखे दौर की झलक देती है, जिसके बारे में इतिहासकारों ने ज्यादा बात नहीं की है।
रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों को उस ज़माने के बर्तन मिले, जिनपर जला हुआ खाना लगा हुआ था। ये बर्तन जर्मनी के एक पुराने इलाके होल्स्टीन की सभ्यता के थे। जांच से पता चला कि ये बर्तन “ओल्डनबर्ग LA 77” नाम की बस्ती के थे, जो उस वक़्त के होल्स्टीन के सबसे पुराने गांवों में से एक था। वैज्ञानिकों ने पाया कि उस ज़माने के लोग ज़्यादातर पेड़-पौधों और अनाज खाते थे, जिनमें से ज़्यादातर जंगली ही होते थे।
बर्तनों पर मिले खाने के अवशेषों की जांच में वैज्ञानिकों को कई चौंकाने वाली बातें पता चलीं। इन अवशेषों में जंगली पौधों के बीज और जौ और गेहूं के दाने मिले। शोधकर्ताओं के मुताबिक, उस ज़माने के लोग सफेद बथुआ नाम के जंगली पौधे के बीज भी खाते थे। साथ ही, उन्होंने पाया कि उस समय के लोग अलग-अलग रंगों की मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल करते थे, जिनका इस्तेमाल शायद रोटी बनाने के लिए भी किया जाता था। गौरतलब है कि उस ज़माने में जौ को पूरी तरह पकने से पहले ही काट लिया जाता था।
उस ज़माने में खाना पकाने के तरीके भी काफी दिलचस्प थे। बर्तनों के विश्लेषण से पता चला कि नवपाषाण काल में भोजन बिल्कुल भी फीका नहीं था, बल्कि उसमें काफी विविधता थी और अलग-अलग तरह की चीज़ें मिलाकर बनाया जाता था।
अध्ययन के अनुसार, “बर्तनों पर जले हुए खाने के अवशेषों से पता चलता है कि अनाज और दूध उत्पादों को शायद रोज़मर्रा इस्तेमाल के लिए उसी बर्तन में मिलाकर दलिया बनाया जाता था, जो उनके संतुलित आहार का आधार था।” इससे यह भी पता चलता है कि नवपाषाण काल के लोग स्वाद के लिए अलग-अलग सामग्रियों को पकाने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते थे।
तो, कुल मिलाकर कहें तो 5000 साल पहले के लोग जंगली पौधे, अनाज, और शायद दूध उत्पादों का इस्तेमाल कर के पोषक और स्वादिष्ट खाना बनाते थे।