लोकसभा ने मंगलवार को सार्वजनिक परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसी अनियमितताओं को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया है। “लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024” के नाम से जाना जाने वाला यह विधेयक यूपीएससी, एसएससी, नीट, जेईई और सीयूईटी जैसी भर्ती परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकने पर केंद्रित है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं:
- नकल करने पर कम से कम तीन से पांच साल की कैद, जबकि संगठित नकल में शामिल लोगों को पांच से 10 साल की कैद और कम से कम एक करोड़ रुपये जुर्माना का प्रावधान।
- यह विधेयक संगठित गिरोहों और संस्थानों को लक्षित करता है जो अनुचित तरीकों से आर्थिक लाभ कमाते हैं, जबकि उम्मीदवारों को इसके प्रावधानों से सुरक्षित रखता है।
- परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक और संगठित नकल के मामलों का हवाला देते हुए मंत्री ने विधेयक की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
- यह विधेयक सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता बढ़ाने का प्रयास करता है।
- परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवार दंडात्मक प्रावधानों के अधीन नहीं होंगे, बल्कि परीक्षा प्राधिकारियों की मौजूदा अनुचित साधनों की नीति द्वारा शासित होंगे।
- परीक्षाओं में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका को देखते हुए मंत्री ने सार्वजनिक परीक्षाओं पर एक उच्च-स्तरीय राष्ट्रीय तकनीकी समिति के गठन की घोषणा की।
यह विधेयक सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में शुचिता बनाए रखने और योग्य उम्मीदवारों को उचित अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।