शिक्षा मंत्री बोले- एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं होगा
कांग्रेस ने लगाए आरोप
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नए मसौदा दिशानिर्देशों पर विवाद खड़ा हो गया है। यूजीसी ने हाल में ही नया मसौदा जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो इन श्रेणियों की आरक्षित रिक्ति को बाकी उम्मीदवारों के लिए अनारक्षित घोषित किया जा सकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मसौदे का समर्थन करते हुए कहा कि एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय शैक्षिक संस्थान अधिनियम- 2019 के अनुसार, आरक्षण को लेकर किसी भी बात की अस्पष्टता नहीं है।
हालांकि, कांग्रेस ने इस मसौदे को आरक्षण कोटा खत्म करने की साजिश बताया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा केवल युवाओं की नौकरियां छीनने में व्यस्त है। उन्होंने मांग की है कि जल्द इस प्रस्ताव को वापस लिया जाए।
UGC के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने भी साफ किया है कि पूर्व में भी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों (सीईआई) में आरक्षित श्रेणी के पदों का कोई भी आरक्षण रद्द नहीं किया गया है और न ही आगे ऐसा कुछ होने वाला है।
शिक्षा मंत्रालय ने भी कहा है कि नए प्रस्ताव लागू होने के बाद भी किसी भी आरक्षित पद को अनारक्षित नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने सभी सीईआई को निर्देश दिए हैं कि वे 2019 अधिनियम के अनुसार रिक्तियों को भरें।
विवाद के प्रमुख बिंदु
- UGC ने हाल में ही नए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें कहा गया है कि यदि एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो इन श्रेणियों की आरक्षित रिक्ति को बाकी उम्मीदवारों के लिए अनारक्षित घोषित किया जा सकता है।
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मसौदे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं होगा।
- कांग्रेस ने इस मसौदे को आरक्षण कोटा खत्म करने की साजिश बताया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा केवल युवाओं की नौकरियां छीनने में व्यस्त है।
- UGC के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने भी साफ किया है कि पूर्व में भी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों (सीईआई) में आरक्षित श्रेणी के पदों का कोई भी आरक्षण रद्द नहीं किया गया है और न ही आगे ऐसा कुछ होने वाला है।
- शिक्षा मंत्रालय ने भी कहा है कि नए प्रस्ताव लागू होने के बाद भी किसी भी आरक्षित पद को अनारक्षित नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने सभी सीईआई को निर्देश दिए हैं कि वे 2019 अधिनियम के अनुसार रिक्तियों को भरें।