सूर्य के मरने पर हमारे सौर मंडल का क्या होगा? अध्ययन बताते हैं
अध्ययन में पृथ्वी से क्रमशः 34 और 53 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित WD 1202-232 और WD 2105-82 नामक दो अलग-अलग सफेद बौने तारों की परिक्रमा करने वाले एक्सोप्लैनेट का उल्लेख किया गया है
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अध्ययन में पृथ्वी से क्रमशः 34 और 53 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित WD 1202-232 और WD 2105-82 नामक दो अलग-अलग सफेद बौने तारों की परिक्रमा करने वाले एक्सोप्लैनेट का उल्लेख किया गया है
दुनियाभर में पर्यावरण के प्रति चिंता बढ़ रही है. तो भवन निर्माण क्षेत्र में भी पर्यावरण को ध्यान में रखने की ज़रूरत है. लेकिन ये कैसे होगा? सरकार को रिसर्च और डेवलपमेंट यानी “आर एंड डी” में ज़्यादा पैसा लगाना चाहिए. इससे ऐसी नई तकनीकें बनेंगी जो कम प्रदूषण फैलाएंगी और इमारतों को ज़्यादा टिकाऊ बनाएंगी.
भले ही कार्ड का इस्तेमाल करना कितना भी आसान क्यों न हो, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसके कई नुकसान भी हैं।
सर्दियों में हवा खराब हो जाती है, यह तो हम सभी जानते हैं। ठंडी हवा ज्यादा घनी होती है और गरम हवा से धीमी चलती है।