वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बजट में देश के किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की जा सकती हैं। अनुमान है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये सालाना किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 11.4 करोड़ किसानों को साल में 6,000 रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। अगर इस योजना की राशि को बढ़ाया जाता है, तो यह राशि चार किस्तों में किसानों के खाते में पहुंचेगी।
कृषि और किसानी इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने से किसानों की आय बढ़ेगी और कृषि उत्पादन में भी सुधार होगा।
इसके अलावा, इस बजट में कृषि ऋण लक्ष्य को भी बढ़ाया जा सकता है। चालू वित्त वर्ष में सरकार का कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये का है। इस बजट में इसे 25 लाख करोड़ रुपये तक करने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सियासी जानकार भी मानते हैं कि इस बजट में किसानों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं और तोहफे दिए जाएंगे, तो इसका लाभ मोदी सरकार को मिलना तय माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक मयंक देशमुख कहते हैं कि 2019 में जब इस पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की गई थी, तो उसका सीधा असर लोकसभा चुनावों पर पड़ा था। पिछले लोकसभा चुनाव में इसे गेम चेंजर के तौर पर माना गया था। इसलिए पांच साल पूरे होने पर अगर इस समान राशि में कुछ बढ़ोतरी की जाती है, तो निश्चित तौर पर आने वाले लोकसभा के चुनाव में इसका सीधा लाभ भाजपा को हो सकता है।
इस बजट में किसानों के लिए और कौन-कौन सी घोषणाएं की जा सकती हैं, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन, माना जा रहा है कि किसानों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकती हैं।