अमेरिकी वाहन निर्माता फोर्ड एक बार फिर भारत के तेजी से बढ़ते ऑटोमोबाइल बाजार में वापसी की ओर कदम बढ़ाता दिखाई दे रहा है। हाल ही में हुई कुछ घटनाओं से ऐसा संकेत मिलता है कि कंपनी अपनी पिछली घोषणा के हिसाब से देश से बाहर नहीं निकलेगी, बल्कि नए जोश के साथ फिर से कदम रखेगी।
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के साथ चेन्नई प्लांट के बिक्री सौदे को रद्द करना:
कुछ ही हफ्ते पहले फोर्ड ने जेएसडब्ल्यू ग्रुप के साथ अपने चेन्नई प्लांट के बिक्री सौदे को रद्द कर दिया था। यह फैसला कंपनी के 2021 में भारत से चरणबद्ध तरीके से वापसी की घोषणा के ठीक विपरीत है। अब यह कदम इस बात का संकेत दे रहा है कि फोर्ड अपनी रणनीति बदल रही है और भारत में मजबूत उपस्थिति बनाना चाहती है।
नई एंडेवर एसयूवी के लिए डिजाइन पेटेंट दाखिल करना:
फोर्ड ने अपनी लेटेस्ट एंडेवर एसयूवी मॉडल के लिए डिजाइन पेटेंट दाखिल किया है। यह एसयूवी 2022 में वैश्विक स्तर पर लॉन्च की गई थी और अब इसे भारत में भी पेश किया जा सकता है। यह कदम भारत के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नौकरी के लिए सक्रिय भर्ती:
फोर्ड इंडिया द्वारा हाल ही में विभिन्न पदों के लिए नौकरी के विज्ञापन दिए गए हैं। यह इस बात का सबूत है कि कंपनी देश में अपने संचालन का समर्थन करने के लिए एक कुशल और गतिशील टीम बनाने की इच्छुक है।
ग्राहकों को मिले जवाब में सावधानी और आशा का मिश्रण:
भारत में एक फोर्ड कार के मालिक ने कंपनी से देश में नई कारों को लॉन्च करने की योजना के बारे में पूछा। जवाब में फोर्ड इंडिया ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि फिलहाल कंपनी किसी भी लॉन्च की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं है। हालांकि, कंपनी ग्राहक के सवाल को समझती है और भविष्य में कुछ जानकारी देने की उम्मीद जताती है।
फोर्ड इंडिया के ये रणनीतिक कदम और ग्राहक-केंद्रित संचार भारत में उसकी संभावित वापसी के बारे में अटकलें लगा रहे हैं। यह देखना होगा कि फोर्ड की वापसी की योजना कितनी व्यापक है और इसका भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा।