SCIENCE : NGC 4383 नामक गैलेक्सी में वैज्ञानिकों ने एक भयानक विस्फोट का पता लगाया है। इस विस्फोट से इतनी गैस निकली है कि हमारे सूरज जैसे 5 करोड़ तारे बन सकते हैं।
यह गैस एक गैलेक्सी के केंद्र में हुए भयानक विस्फोट से निकली है, जिसे गैस आउटफ्लो कहा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह आउटफ्लो इतना बड़ा है कि प्रकाश को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में 20,000 प्रकाश वर्ष लग जाएंगे।
रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी में छपे रिसर्च पेपर के अनुसार, यह धमाका NGC 4383 के केंद्र में हुआ, जो वर्गो क्लस्टर में मौजूद है।
SCIENCE : गैस आउटफ्लो कैसे होता है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, गैस आउटफ्लो तब होता है जब किसी गैलेक्सी से भारी मात्रा में गैस अंतरिक्ष में छोड़ी जाती है। आमतौर पर इनके पीछे सुपरनोवा जैसे कॉस्मिक इवेंट होते हैं।
इन गैस आउटफ्लो का अपनी गैलेक्सी पर बड़ा असर होता है। वे तारों के बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकते हैं। गैलेक्सी से गैस बाहर निकलने की वजह से नए तारों के बनने के लिए जरूरी मैटीरियल सीमित हो जाता है। इससे गैलेक्सी का विकास और रचना प्रभावित होती है।
NGC 4383 में क्या हुआ?
NGC 4383 में गैस आउटफ्लो की वजह उसके केंद्र में मौजूद तारों में धमाकों की वजह से हुआ बताया जाता है। इससे भारी मात्रा में हाइड्रोजन गैस व अन्य तत्व निकले।
वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
डॉ. वॉट्स के मुताबिक, “हमें गैस आउटफ्लो की फिजिक्स के बारे में बेहद कम जानकारी है क्योंकि ऐसे आउटफ्लो को पकड़ पाना बहुत मुश्किल है।”
अपने रिसर्च पेपर में वैज्ञानिकों ने धमाके का हाई-रेजोल्यूशन मैप भी जारी किया है। वे इसकी मदद से समझना चाहते हैं कि कैसे केमिकल तत्वों ने आकाशगंगाओं के बीच जगह को प्रदूषित कर दिया है। वे गैस के नुकसान से आकाशगंगा पर पड़ने वाले असर को भी देखना चाहते हैं।
यह रिसर्च क्यों महत्वपूर्ण है?
यह रिसर्च हमें गैलेक्सी के विकास और तारों के निर्माण के बारे में बेहतर जानकारी दे सकता है। यह हमें यह भी समझने में मदद कर सकता है कि कैसे भारी तत्व अंतरिक्ष में फैलते हैं।
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आगे क्या होगा?
वैज्ञानिक NGC 4383 में गैस आउटफ्लो का अध्ययन जारी रखेंगे। वे यह समझने की कोशिश करेंगे कि यह कैसे हुआ और इसका गैलेक्सी पर क्या असर पड़ा है।