‘अरे दिखावा वाला काला कानून वापस लो’
“लोकसभा में धुआं अभी भी महसूस होता है” यह वाक्य सीधा सा अनुवाद है, लेकिन थोड़ा सा अस्पष्ट है।
13 दिसंबर, 2023 को लोकसभा की दर्शक दीर्घा से एक युवक कूद गया और धुआं फैलाने वाला कैनिस्टर फेंक दिया।
फोटोग्राफ: सांसद टीवी स्क्रीन ग्रैब
लोकसभा में बुधवार को हुई हंगामे की घटना के बारे में तमिलनाडु के धर्मपुरी से द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद डॉ. सेन्थिलकुमार एस ने एक गणेश नदार को बताया। इस घटना में दो घुसपैठिए दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे।
इस घटना को समझने के लिए यहां कुछ और जानकारी:
- घटना कब हुई? यह घटना बुधवार, 2023-12-27 को हुई थी।
- कौन घुसपैठिए थे? उनकी पहचान और मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं है।
- उन्होंने क्या किया? उन्होंने दर्शक दीर्घा से लोकसभा में छलांग लगाई और धुआं फैलाने वाला कैनिस्टर फेंक दिया।
- इसका क्या असर हुआ? सदन में हंगामा मचा और कार्यवाही रोकनी पड़ी।
डॉ. सेन्थिलकुमार एस प्रत्यक्षदर्शी थे और उन्होंने एक गणेश नदार को घटना का सिलसिलेवार वर्णन दिया। उनकी बातचीत से हमें इस घटना के बारे में और जानकारी मिल सकती है।
जब हम स्पीचर्स को सुन रहे थे, तभी अचानक एक ज़ोरदार आवाज़ आई। पहले तो लगा जैसे कोई आगंतुक दीर्घा से नीचे गिर गया है। लेकिन जब एक दूसरा व्यक्ति कूदा, तो हमें समझ आया कि पहला व्यक्ति भी गिरा नहीं था, बल्कि कूदा था।
पहला व्यक्ति लोकसभा स्पीकर की तरफ तेज गति से बढ़ रहा था और ‘काला कानून वापस लो’ चिल्ला रहा था। इसका मतलब है कि वह चाहता था कि एक गलत कानून को वापस लिया जाए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस कानून का जिक्र कर रहा था, क्योंकि इस समय पूरा दंड प्रक्रिया संहिता ही नए सिरे से लिखा जा रहा है।
चार-पांच सांसदों ने पहले व्यक्ति को स्पीकर तक पहुंचने से रोक लिया। तब उसने अपना जूता उतार फेंका और उसमें से एक कैनिस्टर निकाला। उसने कैनिस्टर फेंका, जो धुआं बम था, और थोड़ा पीला धुआं उठा।
पहले व्यक्ति के बाद दूसरे कूदने वाले ने भी एक धुआं बम फेंका और सदन में धुआं भर गया। दोनों को रोका गया और गिरफ्तार कर लिया गया।
सरकार चाहती है कि सदन का काम चलता रहे और इस घटना को बड़ा मुद्दा न बनाया जाए।
संसद में प्रवेश किसी सांसद के बिना आमंत्रण के संभव नहीं है। इन दोनों युवकों के पास भी कोई न कोई आमंत्रण जरूर रहा होगा, जिसने उन्हें प्रवेश पाने में सक्षम बनाया। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि उन्हें भाजपा के सांसदों ने आमंत्रित किया था, जबकि सरकार चाहती है कि इस विवाद पर अधिक जोर न दिया जाए और सदन का काम चलता रहे।
इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ। कुछ लोगों का कहना है कि अगर किसी विपक्षी दल के सांसद ने इन युवकों को आमंत्रित किया होता तो शायद स्थिति अलग होती। हालांकि, फिलहाल इस पर ज्यादा बहस न करते हुए सदन को शाम 4 बजे तक स्थगित कर दिया गया है।
हालांकि धुआं बम फेंकने के कुछ समय बीत चुका है, लेकिन लोकसभा में धुआं का हल्का सा अहसास अभी भी बाकी है।