AI : मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने टेक्नोलॉजी क्षेत्र में हो रहे छंटनी की वजह बताई है। उनका कहना है कि कंपनियां कोविड के बाद के बदलावों से खुद को ढालने की कोशिश कर रही हैं, न कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में तेजी के कारण कर्मचारियों की छंटनी हो रही है। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद कंपनियां अब “लीन” यानी कम खर्च वाली बनने के फायदे समझ रही हैं।
अपने नेतृत्व शैली के बारे में बात करते हुए जुकरबर्ग ने कहा कि वह ज्यादा “डेलीगेट” करने में विश्वास नहीं रखते। यह बयान ऐसे समय में आया है जब न केवल गूगल, अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियां बल्कि छोटे फिनटेक और स्टार्ट-अप भी अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर रही हैं।
पॉडकास्ट होस्ट द्वारा पूछे जाने पर कि क्या टेक्नोलॉजी क्षेत्र में छंटनी का संबंध AI में तेजी से है, जुकरबर्ग ने कहा, “मुझे वास्तव में लगता है कि यह ज्यादा कंपनियों के कोविड से उबरने की कोशिश से जुड़ा है।”
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि कंपनियां ज्यादा भर्ती करने के कारण कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं, बल्कि अब वे समझ रही हैं कि “लीन” होने के फायदे हो सकते हैं।
अपनी कंपनी में छंटनी के बारे में बात करते हुए जुकरबर्ग ने कहा, “यह स्पष्ट रूप से बहुत कठिन था, हमने कई प्रतिभाशाली लोगों को खो दिया, जिनकी हम परवाह करते थे। लेकिन कुछ मायनों में वास्तव में लीनर बनने से कंपनी अधिक प्रभावी हो जाती है।”
मेटा ने जुकरबर्ग के “वर्ष की दक्षता” कार्यक्रम के तहत कई दौर की छंटनी की घोषणा की है, जिसमें पिछले कुछ महीनों में हजारों कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी है। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 2023 के अंत तक 67,317 थी, जो साल-दर-साल 22 प्रतिशत की कमी थी।
उन्होंने अपनी दक्षता बढ़ाने के अभियान के तहत कई प्रबंधन परतों को भी हटा दिया है।
Layoffs.fyi के अनुसार, जो महामारी के बाद से उद्योग में नौकरी में कटौती को ट्रैक कर रहा है, 2024 में अब तक लगभग 32,000 तकनीकी कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी है।