36 करोड़ साल पुराने जीवाश्मों से पता चला है कि एक मछली थी जिसके निचले जबड़े आगे को इस तरह निकले हुए थे जैसे किसी ने उसे थप्पड़ मारा हो! इस मछली का नाम आलिएनाकैंथस माल्कोव्सकी है और इसके जबड़े दुनिया में सबसे लंबे हैं।
यह खोज रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है और इससे पता चलता है कि जबड़े वाले रीढ़ की हड्डी वाले जीवों (जैसे मछलियां, पक्षी, और मनुष्य) के विकास के शुरुआती दौर में ही कितनी विविधता थी।
आलिएनाकैंथस विलुप्त मछलियों के एक समूह का सदस्य है जिन्हें प्लेकोडर्म कहा जाता है। ये बख्तरबंद मछलियां विभिन्न आकार और आकारों की होती थीं और रीढ़ की हड्डी वाले जीवों, विशेष रूप से उनके जबड़े और दांतों के विकास को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
संक्षिप्त में:
- 36 करोड़ साल पुराने जीवाश्मों से पता चला है कि एक मछली थी जिसके निचले जबड़े आगे को बहुत लंबे थे।
- इस मछली का नाम आलिएनाकैंथस माल्कोव्सकी है और इसके जबड़े दुनिया में सबसे लंबे हैं।
- यह खोज दिखाती है कि जबड़े वाले रीढ़ की हड्डी वाले जीवों के विकास के शुरुआती दौर में ही कितनी विविधता थी।
- आलिएनाकैंथस विलुप्त मछलियों के एक समूह का सदस्य है जिन्हें प्लेकोडर्म कहा जाता है।
- ये खोज रीढ़ की हड्डी वाले जीवों के विकास के बारे में हमारी समझ को बढ़ाती है।