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newborn baby care tips

सर्दियों में आपके नन्हे शिशु की नाज़ुक त्वचा की देखभाल के लिए ये आसान टिप्स:

सर्दियों में शिशुओं की नाजुक त्वचा को खास देखभाल की ज़रूरत होती है. ठंडी हवा और कम नमी से उनकी त्वचा जल्दी रूखी और चिढ़ सकती है. इसीलिए, पहले दिन से ही उनकी त्वचा की देखभाल का रूटीन बनाना बहुत ज़रूरी है. इस रूटीन में सबसे अहम चीज़ है रोज़ाना मॉइश्चराइज़ करना

Aarti Sharma 8 months ago 0 13

बिल्कुल! सर्दियों में शिशुओं की नाजुक त्वचा को खास देखभाल की ज़रूरत होती है. ठंडी हवा और कम नमी से उनकी त्वचा जल्दी रूखी और चिढ़ सकती है. इसीलिए, पहले दिन से ही उनकी त्वचा की देखभाल का रूटीन बनाना बहुत ज़रूरी है. आइए देखते हैं कैसे: नवजात शिशु की देखभाल करना अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. इस जिम्मेदारी में बच्चे की हर ज़रूरत का ध्यान रखना ज़रूरी होता है, लेकिन कई बार नए माता-पिता शिशु की नाज़ुक त्वचा की देखभाल को ज़रूरी नहीं समझ पाते.

विशेषज्ञों का कहना है कि हर मौसम अपने साथ कुछ चुनौतियां लाता है, लेकिन सर्दी के मौसम में शिशु की त्वचा को सबसे ज़्यादा परेशानी होती है. इसकी वजह ये है कि:

  • कड़ाके की ठंड: सर्दियों में हवा में मौजूद नमी कम हो जाती है, जिससे त्वचा सूखी और बेजान हो सकती है. शिशु की नाज़ुक त्वचा तो और भी जल्दी प्रभावित होती है.
  • कम नमी: कम नमी वाली हवा से त्वचा से नमी बाहर निकलने लगती है, जिससे रूखापन, खुजली और जलन हो सकती है.
  • गरम कमरे: सर्दी से बचने के लिए अक्सर कमरों में हीटर या ब्लोअर चलाए जाते हैं, जिससे हवा और भी ज़्यादा सूखी हो जाती है, और शिशु की त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

इसलिए, ये ज़रूरी है कि सर्दियों में शिशु की त्वचा की खास देखभाल की जाए. अगले लेख में हम देखेंगे कि आप कैसे अपने नन्हे-मुन्नों की कोमल त्वचा को सर्दियों में स्वस्थ और खुशहाल रख सकते हैं!

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आपके और शिशु की त्वचा में एक बड़ा फर्क है. शिशु की त्वचा आपकी तुलना में बहुत पतली और नाज़ुक होती है. जानिए क्या है ये फर्क:

  • पतली त्वचा: शिशु की त्वचा आपकी त्वचा से लगभग 30% पतली होती है. इसीलिए, ये ज़्यादा जल्दी सूखती है और खुरदुरी हो सकती है.
  • नमी का तेज़ नुकसान: पतली होने के कारण, शिशु की त्वचा से नमी भी ज़्यादा तेज़ी से बाहर निकलती है. ये लगभग दोगुनी गति से होता है!
  • आसानी से चिढ़ना: नाज़ुक और पतली होने के कारण, शिशु की त्वचा ज़्यादा आसानी से चिढ़ती है. ठंडी हवा, कम नमी, रूखे कपड़े, ये सब शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

इसलिए, सर्दियों में खास तौर पर, शिशु की त्वचा की देखभाल बहुत ज़रूरी है. सबसे महत्वपूर्ण काम है रोज़ाना मॉइश्चराइज़ करना. मॉइश्चराइज़र त्वचा में नमी बंद कर देता है और उसे सूखने से बचाता है. अगले लेख में हम देखेंगे कि कैसे आप शिशु की त्वचा की सही देखभाल कर सकते हैं!

  1. ज्यादा न नहलाएं:
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भले ही बच्चे को साफ रखना ज़रूरी है, लेकिन सर्दियों में ज़्यादा नहलाने से उनकी त्वचा और सूख सकती है. बार-बार या बहुत गर्म पानी से नहलाने से उनकी त्वचा का प्राकृतिक तेल कम हो जाता है, जिससे रूखापन और जलन हो सकती है.

इसके बजाय, सर्दियों में हफ्ते में कुछ ही बार हल्के गुनगुने पानी से छोटे झटपट नहाएं. बच्चों की त्वचा रूखने के लिए ज़्यादा संवेदनशील होती है, इसलिए खास उनके लिए बने हल्के साबुन या क्लीन्ज़र का इस्तेमाल करें, जिनका pH बराबर हो.

नहाने के बाद बच्चे की त्वचा को रगड़ें नहीं, बल्कि हल्के से सुखाएं. तुरंत ही क्रीम या लोशन लगाएं ताकि नमी अंदर ही रह सके.

  1. कोमल क्लींजर चुनें:
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नन्हे शिशु की त्वचा बहुत नाज़ुक होती है, इसलिए तेज़ाबी (high pH) वाले क्लीन्ज़र का इस्तेमाल उनकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे रूखापन, लालिमा और असुविधा हो सकती है.

ऐसे क्लीन्ज़र की तलाश करें जो pH बराबर हों और जिनमें शिशु-सुरक्षित सामग्री हो जैसे प्राकृतिक रूप से प्राप्त नारियल और ग्लिसरीन, जो नमी देने वाले और शिशुओं पर कोमल माने जाते हैं. इसके अलावा, ऐसे क्लीन्ज़र चुनें जिन पर क्लिनिकल रूप से सिद्ध और हाइपोएलर्जेनिक लेबल लगा हो ताकि एलर्जिक रिएक्शन या त्वचा में जलन का खतरा कम हो सके.

याद रखें, हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर ही सबसे अच्छा क्लीन्ज़र चुनें, खासकर अगर आपके शिशु को किसी तरह की स्किन कंडीशन है.

  1. प्यार से मालिश करें:
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शिशु की हेल्दी स्किनकेयर रूटीन का एक ज़रूरी हिस्सा है मालिश. ये न सिर्फ उनकी त्वचा को पोषण देता है, बल्कि उनकी नींद भी अच्छी करता है और उनके नर्वस सिस्टम के विकास में भी मदद करता है. सर्दियों में, नहाने के बाद शिशु की मालिश करना सबसे अच्छा होता है. एक ऐसा मसाज तेल, क्रीम या लोशन चुनें जिसमें नारियल और सूरजमुखी का तेल जैसे तत्व हों. ये नमी देते हैं और जल्दी ही स्किन में समा जाते हैं.

इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स (IAP) ने नवजात शिशुओं, बच्चों और किशोरों के लिए अच्छी स्किनकेयर करने के लिए मानक दिशानिर्देश बनाए हैं. IAP के दिशानिर्देशों के अनुसार, “नेचुरल,” “हर्बल,” और “ऑर्गेनिक” बताए जाने वाले इमोलिएंट्स का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए. इसके अलावा, माता-पिता शिशु की त्वचा को नमी देने के लिए प्राकृतिक जैतून के तेल और सरसों के तेल का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये एरिथेमा (लालिमा) और स्किन बैरियर के काम में दिक्कत पैदा कर सकते हैं.

याद रखें, अपने शिशु के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर ही मसाज तेल, क्रीम या लोशन चुनें.

  1. दिन भर नमी बरकरार रखने वाले मॉइश्चराइज़र लगाएं:

सर्दियों में, स्किनकेयर रूटीन का एक अहम हिस्सा है मॉइश्चराइज़र लगाना. एक अच्छा मॉइश्चराइज़र त्वचा को नमी देता है और ठंड के मौसम से बचाता है. माता-पिता को ऐसे क्रीम या लोशन चुनने चाहिए जो शिशु की त्वचा की सुरक्षा के लिए दिन 1 से ही बनाए गए हों, जिनमें दूध प्रोटीन, ज़रूरी विटामिन, एलोवेरा, कैमोमाइल और ग्लिसरीन जैसे तत्व हों, जो शिशु की त्वचा को कोमल, मुलायम और पोषित रखते हैं.

ये तत्व असरदार एंटी-इरिटेंट होते हैं और त्वचा की सुरक्षा की परत को मज़बूत बनाते हैं, खासकर सर्दियों के महीनों में नमी के कम होने से बचाते हैं. ऐसे प्रोडक्ट्स चुनें जो जल्दी से स्किन में समा जाएं और चिपचिपे न हों, ताकि जलन कम हो और ज़्यादा से ज़्यादा नमी मिले.

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यह भी सलाह दी जाती है कि चेहरे के लिए बेबी क्रीम और शरीर के लिए बेबी लोशन का इस्तेमाल करें. चूंकि शिशु का चेहरा ठंडी हवा के सबसे ज़्यादा संपर्क में होता है, इसलिए गालों को नमीयुक्त रखना ज़रूरी है ताकि रूखापन न हो.

मुझे उम्मीद है ये जानकारी आपकी मदद करेगी!



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