टेस्ट क्रिकेट में गिल की बल्लेबाजी में क्या खराबी है?
क्रिकेट कॉमेंटेटर और पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा ने कहा है कि शुभमन गिल की बल्लेबाजी में “थोड़ी सी तकनीकी कमी है” और यद्यपि यह तरीका सपाट पिचों और सफेद गेंद के क्रिकेट के लिए उपयुक्त हो सकता है, “लेकिन टेस्ट क्रिकेट में यह काम नहीं करता है”।
24 वर्षीय गिल ने 2020 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण करने के बाद से 19 टेस्ट मैच खेले हैं।

शुभमन गिल के टेस्ट क्रिकेट के आंकड़े थोड़े उलझाऊ हैं. कुल मिलाकर, उन्होंने 35 पारियों में 994 रन बनाए हैं, जिसका औसत 31.06 है. ये आंकड़े अच्छे तो हैं, लेकिन जब हम बड़ी टीमों जैसे न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनके प्रदर्शन को देखें, तो तस्वीर थोड़ी बदल जाती है.
इन 5 मैचों में, गिल केवल 140 रन ही बना पाए हैं, जिसका औसत सिर्फ 17.50 है. न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है, जहां तीन मैचों में उन्होंने 180 रन बनाए और उनका औसत 30 रहा.

आकाश चोपड़ा ने शुभमन गिल के टेस्ट प्रदर्शन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “गिल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तो शानदार खेले थे, लग रहा था कि वो भविष्य के स्टार हैं। वनडे उनकी पसंदीदा फॉर्मेट है, वहां उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। टी20 में भी ठीक-ठाक किया है। लेकिन टेस्ट में, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के खिलाफ उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। इसलिए उनके टेस्ट प्रदर्शन पर सवालिया निशान है।”

“गिल ने पहले ओपनिंग की, फिर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की और अब ऐसा लगता है कि वो चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करना चाहते हैं। पर सबसे पहले तो उन्हें रन बनाने की जरूरत है। उनकी बल्लेबाजी में एक छोटी सी तकनीकी कमी भी है। वो ऐसे खिलाड़ी हैं जो ज्यादातर हाथों से खेलना पसंद करते हैं और पैरों पर ज्यादा भरोसा नहीं करते। ये तरीका सपाट पिचों और सफेद गेंद के क्रिकेट में तो ठीक है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कारगर नहीं होता।”
भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट में पारी और 32 रनों से हार का सामना करना पड़ा। सीरीज़ का दूसरा मैच 3 जनवरी से केप टाउन के न्यूलैंड्स क्रिकेट ग्राउंड में शुरू होगा।