Cricket: प्रवीण कुमार ने 2012 में अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और तब से टीम इंडिया में कोई मौका नहीं मिला. इस खास गेंदबाज का अंतरराष्ट्रीय करियर सिर्फ 26 साल की आयु में ही समाप्त हो गया था.
अपनी स्विंग से कहर मचाने के लिए मशहूर 37 साल के प्रवीण कुमार भारत के लिए टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल तीनों ही फॉर्मेट खेल चुके हैं. प्रवीण कुमार ने भारत के लिए 6 टेस्ट मैचों में 27 विकेट, 68 वनडे मैचों में 77 विकेट और 10 टी20 मैचों में 8 विकेट हासिल किए हैं.
भारत के पूर्व गेंदबाज का बड़ा खुलासा:
प्रवीण कुमार ने आईपीएल के उद्घाटन सीजन के बारे में एक बड़ा खुलासा किया, बताया कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) में शामिल होना उनके करियर की शुरुआत नहीं थी, और उन्हें इसमें शामिल होने में कुछ हिचकियाँ थीं. उनका दावा है कि उन्होंने अपने मुलायमी स्थान के कारण शुरूआत में दिल्ली डेयरडेविल्स में शामिल होने का चयन किया।
इस अधिकारी ने दी करियर खत्म करने की धमकी:
हालांकि, उन्होंने आरसीबी के साथ एक अनजान कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने का प्रयास किया, उन्हें यह करने में सफलता नहीं मिली. जब उन्होंने अपनी प्राथमिकता को बताने के लिए ललित मोदी से संपर्क किया, तो तत्कालीन आईपीएल आयुक्त ने उनको करियर समाप्त करने की धमकी दी. प्रवीण कुमार ने कहा, ‘मैं आरसीबी के लिए खेलना नहीं चाहता था क्योंकि बैंगलोर मेरे स्थान से काफी दूर था, मुझे अंग्रेजी नहीं आती थी और खाना मेरी पसंद का नहीं था. दिल्ली मेरठ से काफी करीब है, जिससे मुझे कभी-कभार अपने घर जाने का समय भी मिलता था.
‘ललित मोदी ने मुझे फोन किया’:
प्रवीण कुमार ने बताया, ‘हालांकि, वहां एक व्यक्ति था जिसने मुझसे एक कागज पर हस्ताक्षर करवाए. मुझे नहीं पता था कि यह एक अनुबंध था. मैंने उनसे कहा कि मैं दिल्ली के लिए खेलना चाहता हूं, बैंगलोर के लिए नहीं. ललित मोदी ने मुझे फोन किया और धमकी दी कि वह मेरा करियर खत्म कर देंगे.’ इस इंटरव्यू में उन्होंने बॉल-टेम्परिंग के मुद्दे को बताते हुए कहा कि यह एक व्यापक प्रथा है जो खिलाड़ियों के बीच होती है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी गेंदबाज इसमें शामिल होते थे ताकि वे रिवर्स स्विंग करने की अपनी क्षमता को बढ़ा सकें।
गेंद को एक तरफ से खरोंच देंगे तो उन्हें गेंदबाजी में थोड़ी मदद मिलेगी:
प्रवीण कुमार ने कहा, ‘हर कोई इसे थोड़ा बहुत करता है. पाकिस्तानी गेंदबाज इसे थोड़ा अधिक करते हैं. यही मैंने सुना है. अब, हर जगह कैमरे हैं. पहले, हर कोई ऐसा करता था. हर कोई यह जानता भी है कि वे गेंद को एक तरफ से खरोंच देंगे तो उन्हें गेंदबाजी में थोड़ी मदद मिलेगी, लेकिन आपको यह भी जानना होगा कि उस कौशल का उपयोग कैसे किया जाए. अगर मैं गेंद को खरोंचता हूं और किसी को देता हूं, तो उसे रिवर्स-स्विंग करना आना चाहिए. इसलिए उसे पहले इसको अच्छी तरह से सीखना होगा।