पिछले जुलाई महीने, नाडा के डीसीओ ने जूडो अकादमी में एक जुडो का का डोप सैंपल लेने का प्रयास किया था, लेकिन कोच नरेश आर्या ने इसे रोका। मामला में डीसीओ के खिलाफ दुव्र्यवहार और हाथापाई का आरोप भी है।
1प्रतिबंध और जुर्माना लगाया गया :
Doping case:डोपिंग कंट्रोल अधिकारी (डीसीओ) ने खिलाड़ी के डोप सैंपल लेने से रोकने और उसके साथ हाथापाई, दुव्र्यवहार करने के मामले में कोच पर छह साल के लिए प्रतिबंध लगाया है। इस साथ में कोच पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी है। यह भारतीय खेलों के इतिहास में पहला मामला है जब डीसीओ को डोप सैंपल से रोकने और हाथापाई करने के मामले में किसी कोच पर इतना बड़ा प्रतिबंध लगा गया है। इसके अलावा, सुनवाई पैनल ने कोच के साथ संलिप्त दो जूडो खिलाड़ियों को भी चार और दो साल के लिए प्रतिबंधित किया है।
2कोच ने रोका था सैंपल लेने को:
पिछले वर्ष, जुलाई महीने में नाडा के डीसीओ ने दिल्ली स्थित जूडो अकादमी में एक जुडोका के डोप सैंपल लेने की कोशिश की थी, लेकिन कोच नरेश आर्या ने इसे रोका। मामला बढ़ते हुए, डीसीओ के साथ दुव्र्यवहार और हाथापाई का आरोप भी लगा गया। नाडा ने डीसीओ की शिकायत पर 24 जुलाई 2023 को इस कोच को अस्थाई रूप से छह साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। सुनवाई में साबित हुआ कि कोच ने डीसीओ को सैंपल लेने से रोका और दुर्व्यवहार, हाथापाई भी की, जिसमें अकादमी के दो जुडो प्रक्षिशु ने भी उनका साथ दिया।
3अब नहीं दे पाएंगे प्रशिक्षण:
इस प्रतिबंध की अवधि के दौरान, कोच प्रशिक्षण की गतिविधियों से दूर रहेंगे और किसी भी प्रतियोगिता या घटना में कोच और एथलीट मैनेजर की भूमिका नहीं निभा सकेंगे।