क्या भारतीय वोट मैक्सवेल और डिकॉक को नहीं मिला?
क्रिकेट जगत में बवाल मचा हुआ है! रवि शास्त्री, वर्नन फिलेंडर और मार्क निकोलस जैसे दिग्गज क्रिकेट पंडित भारतीय क्रिकेट बोर्ड के आधिकारिक प्रसारकों द्वारा चुनी गई वनडे टीम ऑफ द ईयर से बेहद नाराज हैं। और क्यों न हों? इस टीम में कुल 11 खिलाड़ियों में से 8 भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं!
वनडे टीम ऑफ द ईयर का चुनाव फैंस के वोट पर आधारित था, जिसका मतलब है कि खिलाड़ी जो सबसे ज्यादा वोट पाते हैं, वो टीम में जगह बनाते हैं। हालांकि, ये फैंस आमतौर पर अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को वोट देते हैं, और यही वजह है कि इस टीम में 8 भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं।

दरअसल, आंकड़े बताते हैं कि इस पूरे चुनाव में 70% वोट भारत से आए थे, जिसका मतलब है कि भारतीय फैंस ने बाकी देशों के फैंस की तुलना में ज्यादा वोट किए। इस वजह से, टीम में भारतीय खिलाड़ियों की संख्या बढ़ गई और कुछ दूसरे देशों के बेहतरीन खिलाड़ी नजरअंदाज हो गए।
रवि शास्त्री इस टीम चयन का सुनकर भड़क गए और बोले, “ये तो हंसी मजाक है! राशिद खान… क्या वो खेलता भी है? मुझे लगता है वहां सिर्फ भारतीयों ने ही वोट दिए होंगे. और कोई नहीं. मिचेल मार्श, राशिद खान, क्विंटन डी कॉक… वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम से सिर्फ एक खिलाड़ी एडम ज़म्पा?”

उन्होंने आगे कहा, “ये कैसी नंबर 7 है! राशिद दुनिया के बेस्ट गेंदबाजों में से एक है. उसका नाम यहां नहीं होना तो हैरान करने वाला है. जडेजा दुनिया का बेस्ट ऑलराउंडर है. वो और राशिद दुनिया के किसी भी मैदान पर आदर्श जोड़ी होते.”
- ओपनर्स: रोहित शर्मा और शुभमन गिल
- नंबर 3: विराट कोहली
- नंबर 4: डेरिल मिशेल
- मिडिल ऑर्डर: केएल राहुल (5) और हेंरिक क्लासेन (6)
- स्पिनर: एडम जम्पा (7), कुलदीप यादव (8)
- फास्ट बॉलर्स: मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह

देखा आपने? पूरे 11 में से 8 भारतीय खिलाड़ी हैं! ये ही वजह है कि शास्त्री गुस्से में हैं। उनका मानना है कि विश्व कप जैसा बड़ा टूर्नामेंट जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम सिर्फ 1 खिलाड़ी (जम्पा) के साथ नजरअंदाज कर दी गई है।
उन्हें ये भी समझ नहीं आ रहा कि इतने शानदार खिलाड़ी कैसे बाहर रह गए:
- ग्लेन मैक्सवेल: जिन्होंने वर्ल्ड कप में शायद वनडे का सबसे दमदार प्रदर्शन किया।
- राशिद खान: शास्त्री का मानना है कि वो दुनिया के सबसे बेस्ट गेंदबाजों में से एक हैं।
- मिचेल मार्श: ऑस्ट्रेलिया की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी।
- क्विंटन डी कॉक: “अगर मैं क्विंटन डी कॉक होता, तो चयन से बाहर रहने पर बहुत निराश होता. वनडे क्रिकेट में आखिरी साल होने के बाद वो जिस तरह खेले… वो कमाल के खिलाड़ी हैं.”
- विराट कोहली: “मैं समझता हूं कि सभी चयनित खिलाड़ी अच्छे हैं. खासकर भारतीयों का साल शानदार रहा है. लेकिन विराट तो स्थिरता लाते हैं. मेरे लिए, ऐडन मार्करम और डेविड मिलर बेहतर विकल्प होते.”
- ग्लेन मैक्सवेल: “उसे टीम से बाहर रखना कैसे समझ में आता है? चुनने के लिए तो बहुत सारे खिलाड़ी हैं! अगर मैं मैक्सवेल होता, तो चयन से बेहद निराश होता.”

फिलेंडर का मानना है कि टीम चयन में डी कॉक, मैक्सवेल और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों जैसे खिलाड़ियों की अनदेखी की गई है। जबकि टीम में सिर्फ एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी (एडम जम्पा) को शामिल करना भी उन्हें सवालिया लगता है।
तो समझ आ गया न, वनडे टीम ऑफ द ईयर के चयन पर फिलेंडर इतना क्यों नाराज हैं? वो चाहते हैं कि चयन सिर्फ आंकड़ों के आधार पर नहीं, बल्कि टूर्नामेंटों में प्रदर्शन और खिलाड़ी के कौशल को भी ध्यान में रखकर किया जाए।