रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जयशंकर से मुलाकात के दौरान कहा कि हम हमारे अजीज दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि वो जल्दी ही रूस आए
विदेश मंत्री जयशंकर इस समय रूस की पांच दिनों की यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. पुतिन ने बड़ी गर्मजोशी के साथ जयशंकर से मुलाकात की और प्रधानमंत्री मोदी को अगले साल रूस आने का न्योता दे दिया.
इस मुलाकात के दौरान पुतिन ने जयशंकर से कहा कि हम हमारे अजीज दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि वो जल्दी ही रूस आएं. प्लीज उन्हें बताएं कि हम उन्हें यहां आमंत्रित करना चाहते है
यूक्रेन की स्थिति को लेकर पीएम मोदी को बताया था
पुतिन ने कहा कि हमने यूक्रेन की मौजूदा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को कई बार सूचित किया है. मैं जानता हूं कि वह (मोदी) इस संकट का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से चाहते हैं. हम इस बारे में आपको अधिक जानकारी देंगे.
पुतिन के नाम मोदी का खत
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री मोदी का खत भी सौंपा. इस खत में पीएम मोदी ने हाल के सालों में दोनों देशों के बीच बढ़े सहयोग और प्रगति को लेकर खुशी जाहिर की है.
बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव से मुलाकात की थी. जयशंकर ने कहा था कि भारत और रूस के संबंध बहुत बहुत मजबूत और स्थाई रहे हैं. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई.
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार संपर्क में बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे संबंध बहुत मजबूत रहे हैं. मुझे लगता है कि हमारे संबंध बहुत रणनीतिक रहे हैं. इस बार हम छह बार मुलाकात कर चुके हैं और यह हमारी सातवीं बैठक है.
रूस का कहना है कि भारत हमारे सबसे महत्वपूर्ण साझेदार हैं. जयशंकर ने क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव को बताया कि रूस आकर हमेशा अच्छा लगता है. मैं आपसे सहमत हूं कि हमारे संबंध बहुत मजबूत और स्थाई रहे हैं. मुझे लगता है कि हम एक विशेष और रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारी पर खरे उतरे हैं.
इस दौरान रूस ने कहा कि भारत की विदेश नीति सिर्फ रूस के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए उदाहरण है. बता दें कि जयशंकर ने मंगलवार को रूस के उपप्रधानमंत्री मानतुरोव से बैठक की थी.
इस दौरान तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्लांट में बिजली उत्पादक इकाइयों के निर्माण से संबंधित कुछ ‘महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे.